Thursday, March 19, 2009

माया के राज में एफआईआर का रेट

सर्वेष का प्रसव पीड़ा में तड़पना जब उसकी 8 साल की बहन से सहन नहीं हुआ तो उसने उसकी सास से दाई बुलाने के लिए कहा लेकिन सारे परिवार पर तो जैसे दहेज में मोटरसाइकिल ना मिलने का भूत सवार था। किसी ने कुछ नहीं किया और सर्वेष पीड़ा से तड़पती रही। बहन के ससुराल आई 8 साल की लक्ष्मी ने मजबूर होकर खुद दाई बुलाई और अपनी जिज्जी को पीड़ा से पुक्त करवाया। सर्वेष को बच्चा हो गया था लेकिन इस पर भी ससुराल वालो का जी नहीं भरा तो सास ने सुबह ठंडे पानी से भरी 8 से 10 बाल्टी उस पर उढ़ेल दी। ठंठ से ठुठरती सर्वेष का स्वास्थ्य निरंतर बिगड़ता चला गया और अंत में उसने इम तोड़ दिया। यह घटना है कानपुर षहर से करीब 65किलोमीटर कानपुर देहात के गांव सम्भर-मुरीदपुर की। 11 लोगों का परिवार पालने वाले भूमिहीन किसान देवी प्रसाद ने अपनी बेटी सर्वेष की षादी सन् 2004 में कि थी। बेटी की मृत्यु की खबर पाकर जबवह अपने बेटे के साथ उसके ससुराल पहंुचे तो उनके और उनके बेटे को कमरे में बंद कर दिया गया और सर्वेष को जला दिया गया। इसकी षिकायत जब देवी प्रसाद ने पुलिस स्टेषन में दर्ज करानी चाही तो पहले आनाकानी और दसों चक्कर लगाने के बाद उनसे एफआईआर दर्ज करने के लिए 20 हज़ार रुपए मांगे गए। यह हाल उस प्रदेष का है जहां की मुख्यमंत्री बसपा सुप्रिमो मायावती है। सोषल इंजीनियरिंग का नारा देकर यूपी को प्रगति की राह पर चलाने का दावा करने वाली मायावती के इस प्रदेष में बिगडी कानून व्यवस्था से आप भी वाकिफ हो जाएं। उन्होंने विपक्षियों पर षिकंजा कसने के लिए भले की प्रदेष भर में पुलिस अधीक्षक कार्यालयों तक पर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए स्पेषल बूथ बनावा दिये हों लेकिन गरीब जनता के लिए कहीं कोई बूथ नहीं है।

1 comment:

Pradeep Kumar said...

sahi hai ! yah aaj ki katu sachchhaie hai . sach to ye hai ki stree ho ya purush raaj koie bhi kare . sab ek hi thaili ke chatte batte hain . darasal gulaami ki viraasat yah system hamaare liye hai hi nahi. yahaan polish ka matlab aaj bhi wahi gulaami ke daur waalaa hai. jantaa ka shoshan .
achcha likha hai